दिल्ली: अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. अदालत ने JKLF चीफ पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को उम्रकैद की दो सजा सुनाई गई हैं. इसके अलावा उसे 10 अपराधों में 10 साल का कठोर कारावास सुनाई गई है. उन्होंने बताया कि सभी सजा साथ-साथ चलेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा वजहों के चलते मलिक को तिहाड़ जेल में कोई काम नहीं सौंपा जाएगा. जेल नंबर 7 के अंदर उसे अकेले बंद किया जाएगा. साथ ही इस दौरान वो किसी भी परोल या फरलो के हकदार नहीं होगा. यानी जेल से उसे कोई छुट्टी भी नहीं मिलेगी.
कुल 9 धाराओं में सुनाई गई सजा
कोर्ट ने यासीन मलिक को कुल 9 धाराओं में सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है। इसमें 120बी में 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, 121 में उम्रकैद की सजा और 10 हजार जुर्माना, 121 ए में 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, यूएपीए की धारा 13 में 5 साल और 5 हजार जुर्माना, यूएपीए की धारा 15 में 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना, यूएपीए की धारा 17 में उम्रकैद सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना, यूएपीए की धारा 18 में 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया है। इसके अलावा यूएपीए की धारा 38 और 39 में 5 साल की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।